बिहार में वोटर लिस्ट का पुनरीक्षण पूर्ण रूप से पारदर्शी और संवैधानिक : चुनाव आयुक्त
फिरोजाबाद निजी कार्यक्रम में पहुंचे मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार

बिहार में वोटर लिस्ट का पुनरीक्षण पूर्ण रूप से पारदर्शी और संवैधानिक ढंग से किया जा रहा है : चुनाव आयुक्त
बिहार में वोटर लिस्ट का पुनरीक्षण पूर्ण रूप से पारदर्शी और संवैधानिक ढंग से किया जा रहा है : चुनाव आयुक्त
देश के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार आज उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद पहुंचे। चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार एक निजी कार्यक्रम में शिरकत करने फिरोजाबाद पहुंचे थे यहां उन्होंने निरीक्षण भवन में फिरोजाबाद के जिला अधिकारी रमेश रंजन और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सौरभ दीक्षित के साथ मुलाकात की उसके बाद मुख्य चुनाव आयुक्त ने फिरोजाबाद के छदामी लाल जैन मंदिर पहुंच कर दर्शन किए इसके पश्चात फिरोजाबाद क्लब में आयोजित माथुर वैश्य इंटरनेशनल क्लब के कार्यक्रम में शिरकत की।
इस दौरान सर्किट हाउस में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने पत्रकारों से भी बातचीत की उन्होंने पत्रकारों को संबोधित करते हुए भारतीय चुनाव व्यवस्था को संवैधानिक और पारदर्शी बताया बिहार चुनाव से पहले मतदाता सूचियां के पुनरीक्षण कार्य को लेकर उठ रहे सवालों के जवाब देते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि बिहार चुनाव की तैयारी 4 महीने पहले से शुरू हो चुकी है चुनाव आयोग के लिए सबसे अहम मतदाता होते हैं और फिर राजनीतिक दल बिहार चुनाव से पहले सूची तैयार करने को लेकर जो सवाल खड़े हो रहे हैं वहां निराधार हैं उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले विधानसभा वार राजनीतिक दलों के साथ बैठक की गई है लगभग 5000 बैठक अब तक आयोजित की गई है जिसमें 28000 से अधिक राष्ट्रीय राजनीतिक दल और क्षेत्रीय राजनीतिक दलों के सदस्यों ने सहभागिता की है । उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है और चुनाव आयोग द्वारा कभी भी किसी भी राजनीतिक दल द्वारा दी गई शिकायत का निस्तारण किया जाता है। के लिए चुनाव आयोग से कई बार जो पार्टी डेलिगेशन भी मिलते हैं और उनके द्वारा उठाई गई समस्या का समाधान किया जाता है।
बिहार के कोसी नदी क्षेत्र में रह रहे मतदाताओं के नाम सूची से हटाए जाने और विपक्षी दलों द्वारा लगातार चुनाव आयोग पर सवाल खड़े किए जाने के मामले में जब सवाल किया गया तो उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग द्वारा जो भी आदेश जारी किया जाता है उसको पहले पढ़ लिया जाए और उसके बाद चर्चा की जाए तो ज्यादा बेहतर रहता है उन्होंने कहा कि बिहार में किसी भी मतदाता को मतदाता सूची से नहीं हटाया जाएगा बिहार में 2003 में हुए विधानसभा चुनाव की मतदाता सूची में जो भी मतदाता है उन्हें संविधान की धारा 326 के अंतर्गत पात्र मतदाता माना जाएगा । उन्होंने कोसी नदी के क्षेत्र में बाढ़ ग्रस्त इलाकों में रह रहे लोगों की समस्या के समाधान का हवाला देते हुए कहा कि 2003 की सूची में जो भी मतदाता है उनसे किसी भी प्रकार के प्रपत्र नहीं मांगे जाएंगे साथ ही उनके बच्चों के भी किसी भी प्रकार के दस्तावेज साक्ष्य के तौर पर नहीं मांगे जा रहे।
उन्होंने बताया कि 2002 में बिहार राज्य की मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण जिस तरह से हुआ था इस तरह से इस बार भी 31 दिन अर्थात 24 जून से 15 जुलाई तक मतदाता सूची का पुनरीक्षण कार्य किया जा रहा है इसकी समय सीमा 31 दिन की होती है इसी समय अवधि में मतदाता सूची का कार्य पूर्ण किया जाएगा।
फिरोजाबाद से रंजीत गुप्ता की रिपोर्ट