फिरोजाबाद: संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाया गया आपातकाल दिवस
आपातकाल ने किया देश के लोकतंत्र को कमजोर

एजेंडा पोस्ट फिरोजाबाद ।
भारतीय लोकतंत्र का एक काला अध्याय 25 जून 1975 को तत्कालीन सरकार द्वारा भारतीय नागरिकों के उपर थोपा गया आपातकाल है, इसको आज संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाया जा रहा है, आने वाली पीढीयों को इस तरह की परिस्थितियां दुबारा उत्पन्न न हो इसके लिए इस आपातकाल की घटनाओं को पोस्टर, बैनर और वीडीयोज के माध्यम से प्रदर्शित किया जा रहा है, ।
आज राष्ट्रीय आपातकाल को लागू हुए 50 वर्ष व्यतीत हो चुके है, आज अवसर है कि हम अपने संविधानिक मूल्यों के प्रति गहन चिंतन करें, जिससे भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इस घटना की त्रासदियों को बताने हेतु हर देश के साथ-साथ प्रदेश के समस्त जिलोें में संगोष्टियां आयोजित की जा रहीं है, इसी क्रम में कलैक्ट्रेट सभागार कक्ष में भी सभी जनपद स्तरीय अधिकारियों की उपस्थिति में एक संगोष्टी का आयोजन किया गया, जिसमें सर्वप्रथम एक वीडीयों के माध्यम से आपातकाल की विभीषिका को देखा गया, सभी उपस्थित अधिकारियों ने एक स्वर से इसकी निंदा के साथ-साथ इस दौरान हुई, ज्दातियों की चर्चा की, मुख्य विकास अधिकारी शत्रोहन वैश्य ने कहा कि यह घटना भारतीय इतिहास का एक काला अध्याय है, इस दौरान सभी लोकतांत्रिक संस्थाऐं बाधित हो गयी थी, नागरिकों के अधिकार छीन लिए गए थे, आज हमें संकल्पित होने की जरूरत है, कि इस तरह की घटनाऐें भविष्य में पुनः न हो, क्योंकि ऐसी घटनाऐं हमारे मजबूत लोकतंत्र को कमजोर करने का कार्य करती है।
इस अवसर पर बोलते हुए अपर जिलाधिकारी वि0रा0 विशु राजा ने कहा कि हम सभी यही उम्मीद करते है कि इस तरह का दौर कभी न आऐ जो इतिहास में शर्मिंदगी का कारण बनें, इस दौरान आपातकाल के विरोध में एक हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया, जिसमे सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने हस्ताक्षर कर इसके प्रति अपना विरोध दर्ज कराया।